*1 करोड़ देकर बहाल हो सकते हैं 165 करोड़ के आरोपी!*
मुरैना सहकारी बैंक के निलम्बित अधिकारी अरस्तु प्रभाकर को मध्यप्रदेश के सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह ने विभिन्न आरोपों के साथ केसीसी, महिला प्रताड़ना, अवैध नियुक्ति, ऋण माफी, 165 करोड़ रुपये के घपले घोटालों के आरोप लगाकर निलम्बित किया था जिसकी लोकायुक्त, EOW, सहकारिता, पुलिस आदि विभागों में लम्बे समय से जांच चल रही है लेकिन अरस्तु के रसूख और राजनैतिक सम्बंधों के चलते सारी जांचें ठंडे बस्तों में दफन होकर दम तोड़ चुकी हैंं !
बिस्वस्त सूत्रों से ज्ञांत हुआ है कि सहकारिता विभाग के कुछ कारिंदों से 1 करोड़ का लेन देन तय होने के बाद 14 जून को निलम्बित हुए अरस्तु प्रभाकर सितम्बर के अंत तक या अक्टूबर माह में बहाल हो सकते हैं ! हालांकि खबर की अधिकारिक पुष्टि नही हुई है लेकिन जिला सहकारी बैंक मुख्यालय में बैठे अरस्तु के विशेष सहयोगी लक्ष्मीकांत शर्मा एवं अन्य 5 सहयोगियों में खुशी की लहर और लगभग 200 कर्मचारियों में पनप रहा खौफ का माहौल ये सोचने पर मजबूर करता है कि इतने सख्त प्रमाणित आरोपों के बाद अरस्तु से 1 करोड़ लेकर बहाल करने की हिमाकत कौन कर रहा है ? क्या सहकारिता मंत्री जी को इस बात का इल्म है ? क्यों कि स्वयं सहकारिता मंत्री के अनुसार भ्रष्ट अफसरों को निलम्बित नही बल्कि सीधे बर्खास्त किया जाना था बावजूद इसके अभी तक अरस्तु प्रभाकर पर इतनी मैहरबानी क्यों ? कैसे ?❓
पूरी खबर सूत्रों के आधार पर,,,,,,,,,,,
*1 करोड़ देकर बहाल हो सकते हैं 165 करोड़ के आरोपी