झारखंड सहित दूसरे राज्यों में रजिस्ट्रेशन कराकर बिहार में वाहन चलाने वालों पर कार्रवाई होगी। यानी अब दूसरे राज्यों के वाहनों को एक महीने से अधिक बिहार में चलाने की अनुमति नहीं होगी। बिहार का नंबर प्लेट नहीं होने पर जुर्माने के तौर पर 5500 रुपए वसूल किया जाएगा। इसे टैक्स चोरी के कैटेगरी में रखा गया है। जो लोग दूसरे राज्यों में कम टैक्स देकर वाहन खरीदते हैं। उन्हें अब जुर्माना देना होगा। टैक्स चोरी के उद्देश्य से वाहन मालिक लक्जरी और अन्य वाहनों का रजिस्ट्रेशन झारखंड से कराते हैं और स्थायी तौर पर बिहार में परिचालन करते हैं। यह मोटरवाहन अधिनियम का उल्लंघन है। इससे बिहार को राजस्व की क्षति हो रही है। इस नियम का उल्लंघन करने वाले झारखंड सहित अन्य राज्यों के 21 वाहन मालिकों से सोमवार को जुर्माना वसूला गया। परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने सभी डीटीओ, एमवीआई और ईएसआई को विशेष अभियान के तहत इस तरह की गाड़ियों पर कार्रवाई करने को कहा है।
झारखंड के वास्तविक वाहन मालिक को घबड़ाने की जरूरत नहीं है। वो अपना पेट्रोल पंप रसीद, ड्राइविंग लाइसेंस, टोल प्लाजा की रसीद , झारखंड के पते का आधार कार्ड, डीएल अथवा अन्य कोई प्रमाणपत्र दिखा कर झारखंड से आने का प्रूफ दिखाएंगे तो उन्हें फाइन नहीं लगेगा। परिवहन विभाग के अफसर बताते हैं कि विभिन्न स्रोतों से यह सूचना मिली है कि अन्य राज्यों के निबंधित वाहन का अवैध परिचालन बिहार में किया जा रहा है। यहां के स्थायी निवासी आस-पास के राज्यों में अवैध रूप से वाहनों का निबंधन करवा रहे हैं और बिहार में वाहनों का परिचालन कर रहे हैं।
क्या है इसमें प्रावधान
- मोटरवाहन अधिनियम की धारा-49 के तहत प्रावधान है कि अपने निवास स्थान में परिवर्तित स्थान पर उपयोग करते हैं तो अधिकतम 30 दिनों के अंदर वाहन स्वामी को परिवर्तित स्थल से संबंधित निबंधन प्राधिकार जिला परिवहन पदाधिकारी को वाहन उपयोग की सूचना देना अनिवार्य है। इसके बाद ही परिवर्तित क्षेत्र में वाहन का परिचालन वैध होगा। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो वाहन का परिचालन अवैध होगा।