भिंड - गोहद जनपद के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बारा जहां विकास के नाम पर लाखों का घोटाला जिसे एक इतिहास के रूप में देखा जा सकता है जहा सरपंच सोबरन सिंह व सचिव बेताल सिंह कौरब की मिलीभगत से विभन्न योजना से लाखो के कार्य को श्वीकृति व बिल लगाकर राशि का आवंटन भी कर लेकिन लेकिन धरातल पर कुछ नही यहाँ सीसी निर्माण कार्य, नाली निर्माण,समूहिक सामुदायिक भवन, जैसे कई कार्य महज कागजो पर ही पूरे हुए हैं वही बात करे केंद्र सरकार और राज्य सरकार की उस महत्वकांक्षी योजना स्वकच्छ भारत मिशन की तो यहां सरपंच और सचिव दोनो ने मिलकर योजना में सेंध लगाकर शासन को लाखों का चूना लगाया है ।यही नही इस भ्रस्ट पंचायत में लाखों की लागत से केवल कागज निर्माण कार्य हुए है जिसकी निष्पक्ष जांच होने पर एक बड़े घोटाले का खुला खेल उजागर हो जाएगा
1. पंचायत के जिम्मेदारों ने अपने चहेतों के को ही दी मज़दूरी रोजगार पंजीयन योजना का बंटाधार
2. राजनैतिक सरक्षंण के चलते न अधीकारी भी घोटाले को नजरअंदाज करते है जिसका फायदा पंचायत से जुड़े जिम्मेदार उठाते है बगैर काम किए कागजों पर भी बिल निकल जाते हैं।
3.विभागीय मंत्रालय के सरक्षंण व ईंजिनियर से सीईओ की भी पंचायत पर मेहरबानी के चलते या मिलिभगत के चलते जिम्मेदारों ने बगैर नाली निर्माण बनाए पूरी राशि निकाल ली और सीसी रोड का निर्माण कार्य भी घटिया किया है। साथ ही भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत योजना के अंतर्गत शौचालय निर्माण मैं लाखो का पतीला लगा चुके है जिसकी ग्रामीणों ने जांच की मांग की। निर्माण कार्य में लगे बिलों के जांच की मांग...
4.यहा पर ओर पंचायत के अंतर्गत विगत चार सालो में किए गए कार्य मे पंचायत के जिम्मेदारों के द्वारा मनमाने बिल लगाए गए है। इसको पास करने में पंचायत के जिम्मेदार शामिल है। जनपद के सीईओ से निकटता व सरपंच सचिव के सम्बधों के चलते इस पंचायत में निर्माण कार्य में लगे बिलों को लगाया जांच करने पर पता चलेगा की सचिव व सरपंच के फ़र्ज़ी बिलो से लाखों का घोटाला किया है फ़र्ज़ी सप्लायर बनाकर बगैर जीएसटी के पंचायत के बिल पर लाखो रुपये की राशि निकाली गई। जिसकी जांच अगर की जाए तो लाखों का गवन आमने आएगा लेकिन आला अधिकारियों के नाक के नीचे ये सब चल रहा है और कार्यवाही न होना न्याय ओर सरकार पर सवाल खड़ा करता है