नई दिल्ली: दिल्ली में सभी 70 सीटों पर मतदान समाप्त हो गया, मीडिया चैनलों के लगभग सभी एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी की बहुमत के साथ सरकार बन रही है, हालाँकि भाजपा भी एग्जिट पोल को गलत बताकर बहुमत मिलने का दावा कर रही है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली में केजरीवाल ने मुफ्तखोर पॉलिसी लागू की और जनता को मुफ्त में बिजली पानी, शिक्षा, बस यात्रा और इलाज देने का वादा किया, यही नहीं उन्होंने मुफ्त में इंटरनेट भी देने का वादा किया है, उन्हें लगता है की मुफ्त के चक्कर में दिल्ली की जनता उन्हें वोट देगी वहीं भाजपा को लगता है की दिल्ली की पूरी जनता मुफ्तखोर नहीं है और लोग खुद मेहनत करके अपना पेट भरने पर यकीन करते हैं।
नतीजे कुछ भी हों लेकिन अगर दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल की फिर से जीत हुई और वे दुबारा मुख्यमंत्री बन गए तो पूरे देश में मुफ्तखोर पॉलिसी लागू होगी और देश की अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान होगा, अगर ऐसा हुआ तो हमारा देश फिर से गरीबी की तरफ बढ़ेगा, फिर से अर्थव्यवस्था तबाह होगी और 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनने का हमारा सपना अधूरा रह जाएगा, यही नहीं भारत 2030 तक विकसित राष्ट्र बनने का सपना देख रहा है, यह सपना भी पूरा नहीं होगा और हमारा देश कभी विकसित राष्ट्र नहीं बन पाएगा।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जब किसी को मुफ्त में खाना कपडा और मकान मिल जाता है तो लोग मेहनत करना छोड़ देते हैं, जब ऐसा होता है मार्किट रुक जाती है, अर्थव्यवस्था रुक जाती है, बेरोजगारी बेतहाशा बढ़ती है क्योंकि लोग सोचते हैं कि उन्हें जब मुफ्त में सब कुछ मिल रहा है तो काम करने की जरूरत क्या है।
मुफ्तखोरी पॉलिसी वाली सरकारें कुछ दिनों तक तो जनता को मुफ्त में खिला सकती हैं लेकिन जब खजाना खाली हो जाता है तो जनता से ही इसकी भरपाई भी करनी होती है वरना देश तबाह हो जाता है लेकिन जब मुफ्तखोर पॉलिसी लागू हो जाती है तो उसे समाप्त करना बहुत ही मुश्किल होता है क्योंकि जब जनता को मुफ्त की लत लगा दी जाती है तो उस लत को छोड़ना मुश्किल होता है।
कहने का मतलब ये है कि अगर एक बार मुफ्त की आदत डाल दी तो उस आदत को छोड़ना असंभव है और अगर पूरे देश में ऐसा होने लगा, अगर दूसरे राज्यों की सरकारें भी ऐसा करने लगेंगी तो इस देश का भगवान् ही मालिक है। केजरीवाल ने इसी पॉलिसी की शुरुआत की है, भोली भाली और लालची जनता अभी इस बात को समझ नहीं पा रही है लेकिन जब देश बर्बाद होने लगेगा तो जनता की भी आँखें खुलेंगी लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होगी और पैरों के नीचे से जमीन खिसक चुकी होगी।