जम्मू-कश्मीर के लावेपोरा में हाल ही में एक भीषण मुठभेड़ के दौरान आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए देश के सपूत सीआरपीएफ कांस्टेबल रमेश रंजन ने आतंकवादी विरोधी ऑपरेशनों के लिए विशेष महारत हासिल की थी। उच्च स्तरीय प्रशिक्षण के चलते घायल होने के बावजूद भी उन्होंने एक आतंकी को मार गिराया था।
शहीद रमेश रंजन ने वर्ष 2011 में सीआरपीएफ ज्वाइन किया था। उनकी पहली पोस्टिंग संबलपुर उड़ीसा में हुई थी उसके बाद उनकी पोस्टिंग जम्मू कश्मीर में हुई। सीआरपीएफ के अफ सरों ने इस जांबाज को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि ऐसे जवान किसी विशेष संपत्ति से कम नहीं हैं। ऐसे जवानों की कमी जरूर खलती है।
बता दें कि गत बुधवार को श्रीनगर से करीब 17 किलोमीटर दूर स्थित लावेपोरा इलाके में एक विशेष इनपुट के आधार पर सीआरपीएफ की 73वीं बटालियन ने नाका लगाया था। इस दौरान बारामुला से श्रीनगर की ओर एक नीले रंग की स्कूटी पर सावर तीन लोग बिना हेलमेट के आते दिखे। उन्हें कांस्टेबल रमेश रंजन द्वारा तलाशी के लिए रोका गया। उसी दौरान स्कूटी पर सबसे पीछे सवार युवक ने रमेश पर गोलियां चला दी, जिसमें एक गोली उसके सर पर लगी।
इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। फिर भी बहादुरी दिखाते हुए रमेश ने प्राण त्यागने से पूर्व एक आतंकी को ढेर कर दिया। इसके बाद एक भीषण मुठभेड़ शुरू हुई जिसमें बाकी के जवान भी कूद पड़े।
मुठभेड़ में सुरक्षाबलों द्वारा दो आतंकियों को ढेर कर दिया गया जबकि एक घायल आतंकी को जिंदा पकड़ा गया। मारे गए आतंकियों की शिनाख्त लश्कर-ए-तोईबा के जिया उर रहमान निवासी बडगाम और हिजबुल मुजाहिदीन के खतीब निवासी बिजबिहाड़ा के तौर पर हुई थी। जबकि घायल आतंकी आईएसजेके का था जिसकी शिनाख्त उमर फैय्याज के तौर पर हुई थी।
जानकारी के अनुसार इस मुठभेड़ में शहीद हुए बिहार के आरा तहसील के गोधना गांव के कांस्टेबल रमेश रंजन ने सीआरपीएफ में शामिल होने के बाद काउंटर टेररिजम, स्वाट व वैली क्विक एक्शन टीम, क्यूएटी में आतंकवाद विरोधी विशेष ट्रेनिंग हासिल की थी।
साथ ही उसने काउंटर इनसरजेंसी एंड एंटी टेररिजम (सीआईएटी) स्कूल शिवपुरी से विशेष कमांडो की भी ट्रेनिंग हासिल ली थी। सीआईएटी सीआरपीएफ का एक ऐसा इंस्टीट्यूट है जहां सीआरपीएफ के जवानों और अधिकारियों को आतंकवाद और नकसलवाद से लड़ने के लिए विशेष ट्रेनिंग दी जाती है।
क्या है वैली क्यूएटी
वैली क्यूएटी टीम घाटी में सीआरपीएफ की विशेष टीम है जो आतंकवाद विरोधी ऑपरेशनों में सबसे आगे जाती है। श्रीनगर के करन नगर में सीआरपीएफ की 23वीं बटालियन पर हुए फि दायीन हमले में भी क्यूएटी ने ऑपरेशन को लीड किया था और दो आतंकियों को मार गिराया था।