देश भर में चर्चित हुआ का 150 घरों वाला यह मुहल्ला, अंग्रेजों के समय बसाया गया था

ATN:CoronaVirus: अंग्रेजों के समय बसाया गया 150 छोटे घरों वाला एक मुहल्ला इन दिनों देश भर में चर्चा का केंद्र बन गया है। कोरोना वायरस को लेकर चीन के वुहान से इस मुहल्ले की तुलना होने लगी है। यह सदर का कसाईबाड़ा है, जहां के 150 मकानों और आसपास की अवैध बस्तियों में करीब पांच हजार की आबादी रहती है। अब तक इस क्षेत्र से 86 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं, जबकि यह संख्या लगातार बढ़ भी रही है।



दरअसल, कसाईबाड़ा मुहल्ले का नाम रक्षा मंत्रालय के दस्तावेजों में बूचर मोहाल है। अंग्रेजों ने जाति व धर्म के आधार पर अपनी फौज को जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति करने के लिए सिविल एरिया में ऐसे ही मुहल्ले आबाद किए थे। सदर इलाके में कसाईबाड़ा की तरह आठ और मुहल्ले हैं। करीब ही में लकड़ी मोहाल है, जहां अंग्रेज अफसरों के घरों के लिए लकड़ी मुहैया कराने वाली टाल और लकड़हारे रहते थे। आजाद मोहाल में मोची, सौदागर मोहाल बड़े ठेकेदारों, बनिया मोहाल राशन व किराना की दुकान चलाने वाले व्यापारियों और मखनिया मोहाल को दूध आपूर्ति करने के लिए बसाया गया था। 



बूचर मोहाल में ब्रिटिशकालीन स्लॉटर हाउस था, जहां से अंग्रेजों और उनके जानवरों के लिए मीट सप्लाई होता था। तीन साल पहले यहां का स्लॉटर हाउस बंद हो गया, जबकि कसाईबाड़ा के 150 घरों में अब भी पांच हजार से अधिक वे लोग रहते हैं, जो सब्जी बेचने जैसे काम करते हैं। एक बड़ा हिस्सा अवैध रूप से रहने वालों का भी है। वर्ष 2016 की छावनी परिषद की मतदाता सूची में कसाईबाड़ा जैसी घनी आबादी वाले वार्ड नंबर छह में 5200 मतदाता थे, जो अवैध मतदाताओं के नाम कटने के बाद अब 2800 रह गए हैं।



जमातियों ने बिगाड़ा समीकरण



सबसे सुरक्षित कहे जाने वाले छावनी के कसाईबाड़ा इलाके की अलीजान मस्जिद में 22 मार्च को सहारनपुर के 12 जमाती ठहरे थे। यह सभी जमाती निजामुद्दीन के तब्लीगी मरकज में भी शामिल हुए थे। एक अप्रैल को इन सभी 12 जमातियों को पकड़ा गया था। जमातियों के संपर्क में आने से मस्जिद का इमाम, अजान देने वाला एक व्यक्ति और कुछ दूर पर एक घर का एक व्यक्ति संक्रमित हो गया था। मस्जिद में नमाज अदा करने से पूर्व सीएम व वीआइपी के कपड़े बनाने वाले एक मशहूर टेलङ्क्षरग ब्रांड का मालिक भी संक्रमित हुआ। कैंट में जमातियों के संपर्क में आने के कारण अब तक 74 लोग पॉजिटिव मिले हैं। इन पॉजिटिव मिले मरीजों में राशन देने वाले व्यापारी व उनके नौकर के अलावा उनके परिवार के नौ सदस्य भी शामिल हैं।