हां मैं दाउद से मिला, राईफल छिपाई थी - संजय दत्त के 10 Shocking बयान

ATN: मुंबई  संजय दत्त इस समय कोरोना लॉकडाउन के बीच मुंबई में फंसे हैं जबकि उनकी पत्नी मान्यता और बच्चे, दुबई में फंसे हैं। संजय का कहना है कि उन्हें पता है कि बच्चे ठीक हैं लेकिन फिर भी उन्हें सबकी चिंता है।


वहीं लॉकडाउन के बारे में बात करते हुए संजय दत्त ने बताया कि ये उनके जेल के दिनों जैसा ही है। वो इतना लॉकडाउन में रह चुके हैं कि अब उन्हें ज़्यादा फर्क नहीं लग रहा है।




गौरतलब है कि संजय दत्त को 1993 बंबई बम ब्लास्ट के मामले में गिरफ्तार किया गया था और उस दौरान सबने उनका साथ दिया था। संजय दत्त के समर्थन में पूरा बॉलीवुड उनके साथ खड़ा हो गया।





ये तस्वीर भी तब की ही है जब संजय दत्त को पुलिस ने टाडा (आतंकी गतिविधि में शामिल) होने के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया था। संजय दत्त ने पुलिस के सामने अपने सारे गुनाह कुबूल किए थे लेकिन इसके बाद वो अपने हर बयान से पीछे हट गए। अदालत में उन बयानों के कोई मायने नहीं थे जो पुलिस के सामने दिए गए।


 


1993 के बॉम्बे बम ब्लास्ट



12 मार्च 1993 को बम्बई में 13 बम धमाके हुए जिसके बाद मुंबई दहल गया था। इस बम ब्लास्ट में 257 जान गईं और 750 से ऊपर लोगों का सब कुछ लुट गया।अपनी फिल्म की शूट से मॉरीशस से लौटे संजय दत्त को पुलिस ने गिरफ्तार। उनके घर के दूसरे माले से एक एक 56 राइफल बरामद हुई जो उस जत्थे में थी, जिसका इस्तेमाल ब्लास्ट के दौरान हुआ।



5 साल के लिए जेल गए थे दत्त


आतंकी गतिविधियों पर नज़र रखने वाली टाडा कोर्ड ने संजय दत्त को कोर्ट हाज़िरी का समन भेजा और उन्हें आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता का केस दर्ज हुआ। 28 नवंबर 2006 को संजय दत्त को गैर कानूनी हथियार रखने का दोषी पाया गया और 5 साल की सज़ा दी गई। वहीं उन पर आतंकवादी गतिविधियों के आरोपों से बरी कर दिया गया।



नहीं मानी गई थी अपील


संजय दत्त को पुणे के यरवदा जेल भेजा गया। फिर अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बेल पर छोड़ दिया। 2013 में वापस उन्हें सरेंडर करने को कहा गया और 4 हफ्तों का वक्त दिया। संजय दत्त ने वापस अपील की पर इस बार सुप्रीम कोर्ट ने उनकी बात नहीं मानी।



वापस लिए थे बयान


हम आपको पढ़ाना ज़रूर चाहेंगे वो 10 बयान जो संजय दत्त ने अपनी पहली गिरफ्तारी के बाद पुलिस को दिए थे। हालांकि उन्होंने कोर्ट के सामने ये सारे बयान वापस ले लिए थे -



दाउद से मिला था


संजय दत्त उस वक्त यलगार नाम की फिल्म कर रहे थे जिसकी शूटिंग दुबई में हो रही थी। संजय ने पुलिस को बताया कि दुबई में वो दाउद इब्राहिम की पार्टी में गए जहां वो याकूब, टाईगर, अबू सलेम से मिले।



मारने की धमकी थी


संजय ने कहा कि उन्हें राइफल चाहिए थी क्योंकि उनके पिता कांग्रेस एमपी थे और मां मुस्लिम। दंगे में उजड़े मुस्लिमों की मदद की वजह से उन्हें लगातार धमकियां मिल रही थीं कि उनकी बहनों का रेप कर दिया जाएगा और उन्हें मार दिया जाएगा।



दंगा खत्म होने तक चाहिए थी


संजय दत्त ने अबू सलेम और उनके साथियों को अपने घर बुलाया और उन्हें तीन राइफल दी गई। संजय ने एक रखने को कहा और बाकी लौटा दी। अबू के साथियों ने उन्हें हैंड ग्रेनेड भी दिखाई और पूछा कि वो भी चाहिए क्या।



रिक्वेस्ट की थी ले जाओ


संजय दत्त ने कहा कि उन्हें राइफल केवल दंगा शांत होने तक चाहिए थी और ऐसा होते ही उन्होंने हनीफ को फोन कर राइफल ले जाने को कहा था लेकिन हनीफ नहीं माना।



छिपा दी थी राइफल


इसके बाद संजय दत्त ने राइफल अपने घर के दूसरे माले पर छिपा दी थी और अपने काम में व्यस्त हो गए। इसके बाद उन्हें आतिश फिल्म की शूटिंग के लिए मॉरीशस जाना था।



पुलिस को बताना चाहा था


उन्होंने इस बारे में पुलिस को बताना चाहा था पर वो डर गए थे कि इससे उनके परिवार का नाम काफी खराब होगा। इसलिए उन्होंने अपने सेक्रेटरी की मदद से राइफल छिपा दी।



शूटिंग में व्यस्त हो गया


12 मार्च के बम धमाकों के बाद शूटिंग में व्यस्त हो गया। इसके बाद दोस्तों से टाईगर नाम के एक आदमी की काफी चर्चा सुनी थी कि बहुत ही तगड़ा बंदा है। उससे पुलिस भी डरती है।



जब तक कुछ कर पाता...


जब 93 के आरोपियों के नाम बाहर आए तो मैं डर गया। मैंने अपने दोस्त को फोन कर वहां से राइफल हटाने को कहा लेकिन तब तक पुलिस ने उसे बरामद कर लिया था।



पिता से बोला झूठ


जब मेरे पिता ने मुझसे इस बारे में पूछा कि तो मैंने झूठ बोला क्योंकि मैं डर गया था। हालांकि वापस आते ही मुझे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। और मैंने सब सच बता दिया था।


NOTE : ये सारे बयान संजय दत्त ने कोर्ट के सामने वापस ले लिए थे!