मोदी सरकार की जिस योजना को कोस कर दिल्ली की सत्ता में आये केजरीवाल, उसे ही सबसे पहले लागू किया

ATN:


दिल्ली विधानसभा ने सोमवार को वित्त वर्ष 2020-21 का 65,000 करोड़ रुपये का बजट पारित कर दिया। बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य और परिवहन क्षेत्रों पर जोर दिया गया है। लगातार छठी बार बजट पेश करते हुए उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी में केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना लागू करेगी। भारतीय जनता पार्टी अरविंद केजरीवाल सरकार पर योजना के रास्ते में रोड़ा अटकाने और दिल्ली की जनता को उसके लाभों से वंचित करने का आरोन लगाती रही थी। आम आदमी पार्टी के पिछले महीने विधानसभा चुनाव में भारी जीत के बाद सत्ता में आने के पश्चात यह पहला बजट है। यह वहीं आयुष्मान भारत योजना है जिसको कोसकर केजरीवाल ने दिल्ली में भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ा था। भाजपा भी इसे बड़ा हथियार बनाकर केजरीवाल सरकार पर लागू ना करने का लगातार आरोप लगा रही थी। केजरीवाल सरकार लगातार यह दावा करती थी कि उसने मोहल्ले क्लीनिक के जरिए स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर किया है। भाजपा यह कहती थी कि केंद्र सरकार की योजना को लागू न करके केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की जनता के साथ भेदभाव किया है। विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना दिल्ली चुनाव के समय महज एक राजनीतिक मुद्दा बन कर रह गई थी। केजरीवाल के रवैये को देखते हुए यह कहना बड़ा मुश्किल लगता था कि उनकी सरकार आयुष्मान भारत योजना को कभी लागू करेगी। लेकिन सत्ता वापसी के तुरंत बाद अपने पहले बजट में ही केजरीवाल ने इसे लागू करने का फैसला कर लिया।



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 पिछले 5 सालों में शिक्षा ,स्वास्थ्य सेवाओं और सामाजिक कल्याण में किए क्रांतिकारी सुधारों के लिए दिल्ली का विकास मॉडल आज "केजरीवाल मॉडल ऑफ गवर्नेंस" के तौर पर विश्व और देश में अपनी पहचान बना रहा है।#DelhiBudget


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6:23 PM - Mar 23, 2020

आयुष्मान भारत योजना को दिल्ली में लागू करने के पीछे का कारण?



आयुष्मान भारत योजना को दिल्ली में लागू करके दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं। इतना ही नहीं, हर मौके पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन कल्याणकारी योजनाओं पर सहमति जताई है। साथ ही साथ कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील को लोगों तक पहुंचाने में केजरीवाल भी आगे आ रहे हैं। अपने पिछले कार्यकाल के दौरान केजरीवाल का उपराज्यपाल के साथ कम ही बना। लेकिन इस कार्यकाल में पहले ही दिन से ऐसा लगता है कि केजरीवाल राजनीति से ज्यादा काम के एजेंडे पर अपना ध्यान रखना चाहते हैं। यही कारण है कि हम लगातार देख रहे हैं कि उपराज्यपाल और केजरीवाल के बीच बैठके चलते रहते हैं। कोरोनावायरस के मामले को देखते हुए उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री दोनों ने एक साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। चुनाव जीतने के बाद केजरीवाल ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह, दोनों से मुलाकात कर एक अच्छा संदेश दिया था। जब नरेंद्र मोदी ने केजरीवाल को ट्वीट के जरिए बधाई दी थी तब भी जवाब में केजरीवाल ने यह कहा था कि वह केंद्र के साथ मिलकर काम करने को तैयार है।