फ्रैंकलिन टेंपलटन म्युचुअल फंड्स स्कीम बंद अनुमान है कि निवेशकों के करीब 28 हजार करोड़ रुपये अटक गए हैं

ATN:पहला मौका जब निवेश संस्था कोरोना के कारण स्कीम्स बंद कर रही


अनुमान है कि निवेशकों के करीब 28 हजार करोड़ रुपये अटक गए हैं
अगर आपने फ्रैंकलिन टेंपलटन म्यूचुअल फंड की स्कीम्स में निवेश कर रखा है तो आपके लिए बुरी खबर है. दरअसल, फ्रैंकलिन टेंपलटन म्यूचुअल फंड ने भारत में अपने 6 स्कीम्स को बंद कर दिया है. इस इंडस्ट्री की टॉप कंपनी फ्रैंकलिन टेंपलटन ने कोरोना वायरस महामारी के चलते ये फैसला लिया है.


ये 6 योजनाएं बंद


बंद होने वाले छह फंड हैं - फ्रैंकलिन इंडिया लो ड्यूरेशन फंड, फ्रैंकलिन इंडिया डायनेमिक एक्यूरल फंड, फ्रैंकलिन इंडिया क्रेडिट रिस्क फंड, फ्रैंकलिन इंडिया शॉर्ट टर्म इनकम प्लान, फ्रैंकलिन इंडिया अल्ट्रा शॉर्ट बॉन्ड फंड और फ्रैंकलिन इंडिया इनकम अपॉर्चुनिटीज फंड. यह पहला मौका है जब कोई निवेश संस्था कोरोना वायरस से संबंधित हालात के कारण अपनी योजनाओं को बंद कर रही है.


क्या है वजह


शेयर बाजार को दी गई जानकारी में फ्रैंकलिन टेंपलटन म्यूचुअल फंड ने यूनिट रिटर्न करने और बॉन्ड बाजार में लिक्विडिटी की कमी का हवाला दिया है. कंपनी ने बयान में कहा, ‘‘कोविड-19 संकट और भारतीय अर्थव्यवस्था के लॉकडाउन के चलते कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार के कुछ हिस्से में लगातार नकदी में गिरावट आई है, जिससे निपटना जरूरी है. ऐसे में म्यूचुअल फंड, खासतौर से निश्चित आय कैटेगरी में, लगातार यूनिट वापस लेने के दबाव का सामना कर रहे हैं.’’ अगर आसान भाषा में समझें तो इस समय बड़े पैमाने पर पैसे की निकासी हो रही है.’’



निवेशकों पर क्या होगा असर?


फ्रैंकलिन टेंपलटन ने निवेशकों के निवेश को लॉक कर रखा है. मतलब ये कि फिलहाल निवेशकों का पैसा फंसा हुआ है. अनुमान है कि निवेशकों के करीब 28 हजार करोड़ रुपये अटक गए हैं. हालांकि, कंपनी की ओर से निवेशकों के पैसे के सुरक्षित होने का दावा किया गया है. आपको बता दें कि फ्रैंकलिन टेंपलटन देश के म्यूचुअल फंड उद्योग की 44 कंपनियों में से टॉप 10 में शामिल है. कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट यानी एयूएम 11.6 लाख करोड़ रुपये है.


SEBI ने सिक्योरिटीज पर दी राहत


इस बीच, बाजार नियामक सेबी ने म्यूचुअल फंड मूल्यांकन एजेंसियो से कहा है कि लॉकडाउन के कारण ब्याज या मूल राशि के भुगतान या सिक्योरिटीज की मैच्योरिटी के विस्तार में विलम्ब को चूक नहीं माना जाए. बता दें कि एसोसएिशन ऑफ म्यूचुअल फंड इन इंडिया (एएमएफआई) मूल्यांकन एजेंसियों की नियुक्ति करता है. ये एजेंसियां मुद्रा बाजार और कर्ज सिक्योरिटीज का मूल्यांकन करती हैं और सिक्योरिटीज के चूक की बात को सामने लाती हैं.