ATN:सियासत भी गजब चीज है। कल तक हाथ पकड़ कर साथ घूमने वाले अब अगर एक दूसरे से फोन पर बात भी कर लें तो खबर बन जाती है। खबर ही नहीं बनती बल्कि सियासी गलियारों में कानाफूसी शुरू हो जाती है। वो भी तब जब अभी अलगाव हुए बहुत दिन नहीं हुए हैं।
जी हां बात हो रही है महज एक महीना पहले कांग्रेस से नाता तोड़ कर भाजपा में गए ग्वालियर के महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया के नए पैंतरे की। सिंधिया ने हाल ही में राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट जो कांग्रेस में उनके सखा रहे हैं, के साथ हाल ही में हुए अपने संवाद की जानकारी सार्वजनिक करके किसको संदेश दिया है, इसे लेकर कांग्रेस में खासी खुसुर-पुसुर हो रही है।
कुछ कांग्रेसी इसे ज्योतिरादित्य सिंधिया का एक दांव भी मान रहे हैं। हुआ यह कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के संसदीय चुनाव क्षेत्र गुना की एक छात्रा राजस्थान के कोटा में है। लॉकडाउन के कारण वह खुद को असहाय महसूस कर रही है। छात्रा मध्य प्रदेश जाना चाहती है।
उसके पिता ने इस संदर्भ में ज्योतिरादित्य सिंधिया से सहायता मांगी। ज्योतिरादित्य ने टेलीफोन पर राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से बात की। पायलट ने सिंधिया को सहयोग का आश्वासन भी दे दिया। बाद में सिंधिया ने इस पूरी जानकारी को ट्वीट करके सार्वजनिक कर दिया।
सिंधिया के इस कदम पर कांग्रेस के एक नेता का कहना है कि महाराजाओं का खेल है। शतरंज खलें या द्यूत क्रीड़ा, दूर ही रहना अच्छा है। वहीं कुछ कांग्रेसियों का मानना है कि सचिन पायलट से सिंधिया की नजदीकी कम नहीं हुई है। पायलट भी सिंधिया की तरह अपने मुख्यमंत्री गहलोत से खफा हैं। बाकी तो बस कयासबाजी है।