भारत के सबसे अमीर तीर्थस्थान तिरुपति बालाजी मंदिर कमेटी ने 1300 श्रमिकों को नौकरी से हटाया

ATN:दरअसल, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा मैनपावर की आपूर्ति करने वाली फर्म को सूचित किया गया था कि 30 अप्रैल को समाप्त होने वाले अनुबंध का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा। इस मामले पर मंदिर के ट्रस्ट के अध्यक्ष वाई वी सुब्बा रेड्डी ने भी स्पष्ट किया कि उनकी सेवाएं बंद कर दी गई हैं।


हालांकि उन्होंने कहा किइस मुद्दे को मेरे संज्ञान में लाया गया है। हम उनकी मदद करने के तरीके तलाशेंगे। रेड्डी ने आगे कहा कि लॉकडाउन की घोषणा के बाद से तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के नियमित कर्मचारियों को भी काम नहीं सौंपा गया है।



गौरतलब है वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए टीटीडी का बजट 3,309 करोड़ रुपए है। फरवरी में तय किए गए प्रस्तावों को कोरोनोवायरस-संबंधी स्थिति के कारण समीक्षा से गुजरना पड़ सकता है।


 


नौकरी से हटाए गए पीड़ित श्रमिकों ने टीटीडी प्रशासन से अपील की है


सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि नौकरी से हटाए गए पीड़ित श्रमिकों ने टीटीडी प्रशासन से अपील की है कि वे कोरोनोवायरस संकट के दौरान उन्हें अपना काम जारी रखने दें। हालांकि TTD प्रशासन मौजूदा जनशक्ति आपूर्तिकर्ता के साथ अनुबंध को नवीनीकृत करने के लिए तैयार नहीं है।



ट्रेड यूनियनों द्वारा तिरूपति बालाजी मंदिर के कदम की आलोचना की


उधर, ट्रेड यूनियनों द्वारा इस कदम की भारी आलोचना की गई। भारतीय व्यापार संघ (सीटू) चित्तूर जिले ( पूर्व) समिति को द हिंदू के जरिए कहा कि स्वच्छता और रखरखाव के काम में लगाए गए अधिकांश श्रमिकों ने तीर्थयात्रियों की सेवा के लिए अपना जीवन जोखिम में डाल दिया था, लेकिन उन्हें संकट के समय दरवाजा दिखाया गया।