ATN:कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कदमों से देश के ज्यादातर लोग खुश हैं। बहुराष्ट्रीय बाजार शोध फर्म इप्सॉस की ओर से शहरों में किए गए एक सर्वे के अनुसार कोरोना संकट से निपटने के लिए मोदी सरकार के तरीके को 87 प्रतिशत लोगों ने हाई रेटिंग दी है। इप्सॉस इंडिया के सीईओ अमित अडारकर के अनुसार मोदी सरकार ने काफी पहले टोटल लॉकडाउन लागू किया और कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए कई साहसिक उपाए किए। सर्वे में शामिल ज्यादातर लोगों ने इस महामारी से निपटने के सरकार के तरीके की प्रशंसा की है। 23 से 26 अप्रैल के बीच किए गए इस सर्वे में 13 देशों के लगभग 26,000 लोगों से बातचीत की गई। 13 देशों में से नौ देशों में ज्यादातर लोगों ने कहा कि उनकी सरकार कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए अच्छा काम कर रही है।
कोरोना काल में और मजबूत हुआ देशवासियों का भरोसा
कोरोना संकट काल में देशवासियों का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भरोसा और मजबूत हुआ है। देश भर में किए गए आईएएनएस-सीवोटर के ताजा सर्वे के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी में देशवासियों का विश्वास स्तर पिछले दो वर्षों में बढ़कर तीन चौथाई से अधिक 76.3 प्रतिशत हो गया है। प्रधानमंत्री मोदी की इस रेटिंग में सन 2018 की 58.6 प्रतिशत तुलना में इस साल बड़ी ही तेजी से बढ़ोतरी हुई है। साल 2018 में सिर्फ 42.3 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने ही प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व पर बेहद भरोसा दिखाया था, जबकि साल 2020 में 69.8 प्रतिशत लोगों ने यह राय जाहिर की है, यानी कि कुल मिलाकर इसमें 27.5 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी हुई है।
देश के स्तर पर हो या फिर वैश्विक स्तर पर, अंतरराष्ट्रीय स्तर के सर्वे में शायद पहली बार किसी प्रधानमंत्री के फैसले और उनके नेतृत्व वाली सरकार के काम को इतनी प्रशंसा मिली हो। वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जहां देश की 91 प्रतिशत जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की एक सुर में सराहना कर रही है वहीं कोरोना पर लगाम लगाने के लिए पूरे देश में दो फेज के संपूर्ण लॉकडाउन के निर्णय का 97 प्रतिशत लोग प्रशंसा कर रहे हैं। देश से लेकर पूरी दुनिया के 28 देशों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुए एक सर्वे से यह खुलासा हुआ है। यह सर्वे स्विट्जरलैंट के पोलिंग संगठन गैलअप इंटरनेशनल एसोसिएशन ने कराया। उसके मुताबिक, भारत की 91% जनता का मानना है कि नरेंद्र मोदी सरकार कोरोना महामारी में बहुत अच्छा काम कर रही है। इतना अच्छा काम करने के बाद भी कुछ लोग हैं जो अभी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने से बाज नहीं आते, लेकिन उनकी संख्या सिर्फ 7% है। देश में 2% ऐसे लोग भी हैं जो इस संदर्भ में कुछ कहने को तैयार नहीं हैं।
कोरोना जैसे वैश्विक संकट को लेकर इस अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कराए गए सर्वे यह भी खुलासा हुआ है कि भारत में एक खास समुदाय के लोगों ने जानबुझ कर कोरोना को फैलाया है। गैलअप स्नैप सर्वे से जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक भारत में 66 प्रतिशत लोगों का मानना है कि अगर तबलीगी जमात ने दिल्ली स्थित निजामुद्दीन मरकज में अपनी करतूत को अंजाम न दिया होता तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में कोरोना पर लगाम लगाने में पहले फेज के लॉकडाउन के दौरान सफल हो जाते। कोरोना से लड़ने में भारत और बेहतर स्थित में होता। गैलप स्नैप सर्वे में यह स्पष्ट हो गया है कि तबलीगी जमात की यह सोची समझी साजिश थी। तभी तो देश के 66 प्रतिशत लोग मानते हैं कि एक खास समुदाय के लोगों ने जानबुझ कर देश में कोरोना फैलाया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार काफी तत्परता के साथ कोरोना संकट से निपट रही है। मोदी सरकार कोरोना वायरस महामारी की इस घड़ी में काफी बेहतर ढंग से काम कर रही है। गैलप इंटरनेशनल एसोसिएशन की ओर से पिछले दो हफ्तों में दुनियाभर के 28 देशों में किए गए स्नैप पोल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अव्वल बने हुए हैं। सर्वे में दुनियाभर के लोगों ने साफ कहा कि प्रधानमंत्री मोदी कोरोना संकट से बेहतर तरीके से निपट रहे हैं। 83 प्रतिशत से अधिक लोगों ने इस बात पर सहमति जताई कि प्रधानमंत्री मोदी का काम अच्छा है। इस कोरोना वायरस महासंकट के वक्त लोकप्रियता के मामले में प्रधानमंत्री मोदी मौजूदा वर्ल्ड लीडर्स से काफी आगे हैं। गैलप इंटरनेशनल एसोसिएशन के हालिया पोल के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की लोकप्रियता काफी कम 42 प्रतिशत पर है। जापान के पीएम शिंजो आबे 23 प्रतिशत के साथ पीएम मोदी से काफी नीचे हैं। कोरोना संकट से सही तरीके से निपटने के मामले में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की लोकप्रियता 49 प्रतिशत है।
पीएम मोदी हैं तो कोई चिंता नहीं
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार काफी तत्परता के साथ कोरोना संकट से निपट रही है। मोदी सरकार कोरोना वायरस महामारी की इस घड़ी में काफी बेहतर ढंग से काम कर रही है। आईएएनएस-सीवोटर के ताजा कोविड-19 ट्रैकर सर्वे के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने 25 मार्च को जब लॉकडाउन का ऐलान किया था, तब देश के 76.8 प्रतिशत लोगों को मोदी सरकार पर भरोसा था। लेकिन 21 अप्रैल को ये भरोसा बढ़कर 93.5 प्रतिशत पर पहुंच गया। सर्वे के दौरान लोगों ने कहा कि उन्हें लगता है कि मोदी सरकार कोरोना वायरस संकट से अच्छी तरह से निपट रही है। देश के करीब सभी लोगों का कहना था कि प्रधानमंत्री मोदी के रहते उन्हें कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्हें पीएम मोदी पर पूरा भरोसा है।
कोरोना से जंग में कोई नहीं पीएम मोदी जैसा महायोद्धा
प्रधानमंत्री मोदी ने जिस प्रकार से वैश्विक कोरोना संकट के दौरान भारत की 130 करोड़ जनता की रक्षा के लिए कदम उठाए हैं, जिस प्रकार पूरी दुनिया के प्रति मदद के हाथ बढ़ाए हैं, उसने उन्हें दुनिया का सबसे लोकप्रिय और शीर्ष नेता बना दिया है। अमेरिकी रिसर्च एजेंसी मॉर्निग कंसल्ट द्वारा जनवरी से 14 अप्रैल के बीच कराए गए तमाम सर्वे में सामने आया है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 68 अंकों के साथ वर्ल्ड लीडर्स को पछाड़ते हुए पहले पायदान पर पहुंच गए हैं। एजेंसी के मुताबिक जनवरी में प्रधानमंत्री मोदी की रेटिंग 62 थी, जो कोरोना काल में उनके फैसलों और सक्रियता की वजह से चार अंक बढ़कर 68 हो गई है।
कोरोना संकटकाल में पीएम मोदी की सक्रियता अभूतपूर्व
पीएम मोदी की रेटिंग में सुधार की वजह कोरोना वायरस से निपटने को लेकर उनकी तैयारी है। उन्होंने 25 मार्च को देश में लॉकडाउन की घोषणा की थी जिसे 14 अप्रैल को 19 दिनों के लिए बढ़ा दिया गया। वहीं, उन्होंने वैश्विक नेताओं को महामारी से निपटने में एकजुट करने की भी कोशिश की। सार्क देशों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक हो या फिर जी-20 देशों की बैठक कराने के लिए की जाने वाली पहल। इन सभी वजहों ने ही मोदी की लोकप्रियता में इजाफा किया है। इसके अतिरिक्त उन्होंने जरूरी दवाइयों के निर्यात से प्रतिबंध हटाते हुए मदद की पहल की है जिसे दुनियाभर के देशों ने स्वीकारा भी है।
लिस्ट में दस राष्ट्राध्यक्षों की रैंकिंग
अमेरिकी डाटा रिसर्च कंपनी मॉर्निंग कंसल्ट ने अपने सर्वे में दुनिया के सभी प्रमुख लोकतांत्रिक देशों के राष्ट्राध्यक्षों की लोकप्रियता को आंका है। इसमें ये पता लगाने की कोशिश की गई है कि किस देश के राष्ट्राध्यक्ष ने कोविड-19 से लड़ने के लिए किस तरह के फैसले लिए और कदम उठाए हैं। रिसर्च में 10 देशों के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के नाम हैं। इसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मैक्सिको के राष्ट्रपति एंद्रेस मैनुएल लोपेज ओब्राडोर, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल, ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो, अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे शामिल हैं। रिसर्च में पीएम मोदी पहले नंबर पर हैं। दूसरे नंबर पर मैक्सिको के राष्ट्रपति हैं और तीसरे नंबर पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन हैं। इस लिस्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आठवें स्थान पर हैं।
देखिए किस राष्ट्राध्यक्ष को कितनी अप्रूवल रैंकिंग?
देश का नाम राष्ट्राध्यक्ष वर्ल्ड रैंकिंग
भारत पीएम मोदी +68
मैक्सिको लोपेज ओब्रोडोर +36
ब्रिटेन बोरिस जॉनसन +35
ऑस्ट्रेलिया स्कॉट मॉरिसन +26
कनाडा जस्टिन ट्रूडो +21
जर्मनी एंजेला मर्केल +16
ब्राजील जेयर बोल्सोनारो +8
अमेरिका डॉनल्ड ट्रंप -3
फ्रांस इमैनुएल मैक्रों -21
जापान शिंजो आबे -33
ट्रंप, मैक्रों और आबे की रैंकिंग माइनस में
रिसर्च डेटा में अप्रूवल रैकिंग में ट्रंप, मैक्रों और आबे की रैंकिंग माइनस में हैं। गौरतलब है कि पीएम मोदी ने समय रहते ही देश में लॉकडाउन का एलान किया और जब जरूरत पड़ी तो राज्यों के सीएम और विपक्ष के नेताओं के चर्चा की और लॉकडाउन बढ़ाने का भी फैसला किया। भारत के इस फैसले की तारीफ विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी की। प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना संकट के दौरान काम रहे स्वास्थकर्मियों, पुलिसकर्मियों और दूसरे लोगों को उन्होंने ‘कोरोना वॉरियर्स’ की संज्ञा दी ताकि उनका मनोबल ऊंचा रहे। सिर्फ देश में ही नहीं पीएम मोदी ने भारत के मित्र देशों की मदद की। अमेरिका और दूसरे देशों को कोरोना से लड़ने के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा भेजी। इसके लिए ट्रंप और ब्राजील के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी की तारीफ भी की।