मध्य प्रदेश में 3 मई के बाद क्या होगा, किन इलाकों में दी जाएगी लाकडाउन में छूट

ATN:कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशव्यापी लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ा दिया था, जिसकी अवधि अब खत्म होने वाली है. राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक में पीएम मोदी ने कहा था कि राज्य अपनी-अपनी लॉकडाउन के एग्जिट के लिए रणनीति तैयार करें. मध्य़ प्रदेश में भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अधिकारियों से लॉकडाउन के एग्जिट प्लान पर काम कर रहे हैं. 1 मई की शाम को मुख्यमंत्री ने अहम बैठक बुलाई है, जिसमें तय किया जाएगा कि राज्य के किन जिलों में राहत दी जाए और किन जिलों लॉकडाउन जारी रखा जाए.



राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा-


शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्रीपीएम मोदी ने नारा दिया है ‘जान भी और जहान भी’ जनता के सहयोग से हम परिस्थितियों पर धीरे-धीरे काबू पा रहे हैं. अब हमें जहान भी देखना है. 30 अप्रैल से वल्लभ भवन, सतपुड़ा और विंध्याचल भवन सहित राज्य-स्तरीय कार्यालयों में 30% अधिकारी-कर्मचारी कार्य प्रारम्भ करेंगे’



रेड जोन वाले इलाको में जारी रहेगा लॉकडाउन


1 मई की शाम को मुख्यमंत्री के नेतृत्व में होने वाली बैठक में लॉकडाउन के एग्जिट प्लान पर आखिरी फैसला होगा और इसके बाद राज्य सरकार अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजेगी. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर कोरोना के रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन के बारे में जानकारी दी है. मध्य प्रदेश राज्य के कुल 9 जिले रेड जोन में रखे गए हैं. इनमें इंदौर, भोपाल, उज्जैन, जबलपुर, धार, बड़वानी, खंडवा, देवास, ग्वालियर शामिल हैं. उम्मीद की जा रही है कि 3 मई के बाद इन जिलों में कोई खास राहत मिलने की उम्मीद कम ही है. वहीं प्रदेश के आधे जिले ग्रीन जोन में हैं. इनके अलावा बचे हुए जिले ऑरेंज जोन में हैं.


शहरी क्षेत्र के उद्योगों को सशर्त मिलेगी मंजूरी


इंदौर में कोरोना संकट की वजह से बंद पड़े उद्योगों को फिर से शुरू करने के लिए बैठक बुलाई गई. बैठक में इंडस्ट्री के लोगों और अधिकारियों को बीच उद्योगों को फिर से शुरू करने पर चर्चा हुई. इस बैठक में फैसला हुआ कि फैक्ट्रियों को खोलने की अनुमति के लिए आवेदन करना होगा.


एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज मध्य प्रदेश के माध्यम से अपने उद्योगों को शुरू करने के लिए आवेदन करना होगा, उसके बाद प्रशासन फाइनल मंजूरी देगा. फूड प्रोसेसिंग, एग्रीकल्चर जैसे उद्योगों को सशर्त शुरू करने की मंजूरी दी जाएगी
शहरी क्षेत्र के उद्योगों के लिए अहम शर्त ये होगी कि मालिकों को मजदूरों को वहीं रहने और खाने पीने की व्यवस्था करनी होगी. AIPM के अध्यक्ष प्रमोद डफरिया ने पत्रिका को बताया कि लॉकडाउन के पहले ही जो तैयार माल है उसके डिस्पैच की अनुमति दी जाएगी. सचिव सुनील व्यास ने बताया है कि फिलहाल दो प्रकार की मंजूरी दी जाएगी. डिस्पैच की और उद्योग शुरू करने की. दोनों के लिए आवेदिन AIPM की वेबसाइट से किया जा सकेगा.



ग्रीन जोन वाले जिलों में पहले से दी जा रही राहत


मध्य प्रदेश के दमोह जिले के कलेक्टर तरुण राठी से भी हमने एग्जिट प्लान को लेकर मिले दिशानिर्देशों के बारे में बात की. उन्होंने बताया कि अभी हम डिस्ट्रिक्ट क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक करेंगे और उसमें से जो दिशा निर्देश मिलेंगे उसी के आधार पर आगे के फैसले करेंगे. अभी तक हमें जो गृह मंत्रालय से हमें समय समय पर जानकारियां मिल रहीं थी उसी का पालन करते हुए हमने धीरे-धीरे छूट देनी शुरू की थी. और पहले की तुलना में अब काफी छूट दी जा चुकी है.


तरुण राठी, कलेक्टर (दमोह) ग्रामीण इलाकों के उद्योग धंधे खोलने की छूट दी जा चुकी है. ग्रामीण इलाकों के बाजार खोलने की छूट दी जा चुकी है. शहरों में अभी धीरे-धीरे छूट दी जा रही है.
लेकिन उन्होंने बताया कि जिले की क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक करने के बाद हम फीडबैक लेंगे और फिर और सरकार की तरफ से जो दिशानिर्देश दिए जाएंगे उसके आधार तक करेंगे कि क्या राहत दी जा सकती है.


प्रदेश में लॉकडाउन के बाद क्या-क्या छूट मिलेंगी? कैसे इंडस्ट्री को शुरू किया जाएगा? क्या ग्रीन जोन में पहले की तरह हालात हो पाएंगे? इन सारे सवालों का जवाब मुख्यमंत्री की लॉकडाउन पर होने वाली विशेष बैठक के बाद मिल सकेगा.