योगी सरकार में केमिकल घोटाला अधिकारियों की मेहरबानी से गैर पंजीकृत कंपनी को सप्लाई का ठेका इलाका बना संक्रमण का केंद्र पानी का छिड़काव जारी

ATN:कानपुर। कोरोना वायरस को मारने के लिए शहर में मंगाया गया ८.५ टन केमिकल नगर निगम के अधिकारी ही पी गए और पूरे शहर में केवल पानी से छिडक़ाव कर शहरियों के साथ मजाक होता रहा। इसी वजह से कहीं पर भी संक्रमण नहीं रोका जा सका और देखते ही देखते आधा शहर हॉटस्पॉट इलाकों में तब्दील हो गया। शहर में बढ़ते संक्रमण से हर कोई हैरान था, मगर किसी को यह पता नहीं था कि इसके पीछे नगर निगम की करतूत थी। यह मामला खुलने के बाद भी अफसर कुछ भी जवाब देने को तैयार नहीं है। साफ है कि इस खेल में उनकी जेब भी भरी गई होगी।



8.5 टन केमिकल में हुआ खेल



शहर में सेनेटाइजेशन के लिए स्वरूप नगर वीवीएस इंडस्ट्रीज व शास्त्री नगर दमन इंटरप्राइजेज से माल लिया गया, जो पंजीकृत नहीं थी। इन्हें 90 टन केमिकल की सप्लाई करनी थी लेकिन पहले चरण में 8.5 टन सप्लाई किया गया। लेकिन इस केमिकल को छिडक़ाव के लिए इस्तेमाल ही नहीं किया गया। अब केमिकल की आपूर्ति हुई थी या केवल आपूर्ति के नाम पर बजट का बंदरबांट हो गया, यह जांच का विषय है।



सप्लायरों और अफसरों ने किया खेल



सैनिटाइजेशन के लिए नगर निगम को सोडियम हाइपोक्लोराइड की आपूिर्त में सप्लायरों ने खेल कर दिया। एक ने सबमर्सिबल का पानी ड्रमों में भरकर दिया तो दूसरे ने केमिकल में नाममात्र क्लोरीन मिलाई थी। जलकल विभाग के विशेषज्ञों की मानें तो एक नमूने में पूरी तरह पानी है और दूसरे में क्लोरीन की मात्रा पीने वाले पानी से थोड़ा ही ऊपर है। कोरोना वायरस से जंग में सैनिटाइजेशन की सबसे बड़ी जिम्मेदारी संभाले नगर निगम में सामने आए इस बड़े खेल ने हर किसी को हैरान कर दिया है। भला कमाई के लालच में अफसर इतना गिर सकते हैं, किसी ने सोचा भी नहीं था।
इसी कारण हॉटस्पॉट इलाकों में नहीं रुका संक्रमण
लॉकडाउन के दौरान नगर निगम की टीम नियमित रूप से सैनिटाइजेशन कर रही है। इसमें ज्यादातर हॉटस्पॉट के क्षेत्र भी शामिल हैं, जहां सैनिटाइजेशन से कोरोना संक्रमण बढऩे से रोकना है। सैनिटाइजेशन में सोडियम हाइपोक्लोराइड में 42 फीसद क्लोरीन होती है। एक से तीन फीसद तक सोडियम हाइपोक्लोराइड को पानी में डालकर घोल बनाने के बाद सैनिटाइज किया जाता है। आज जब लोगों की जिंदगी बचाने में सैनिटाइजेशन सबसे बड़ा हथियार है, नगर निगम की अनदेखी से यह हथियार बेकार साबित हुआ।